उत्तराखंड का इतिहास
उत्तराखंड भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक राज्य है, जो पहले उत्तर प्रदेश का एक भाग था। यह राज्य 9 नवंबर 2000 को भारत सरकार द्वारा अलग किया गया था। उत्तराखंड का स्थापना से पहले इसे ‘उत्तरांचल’ के नाम से जाना जाता था। उत्तराखंड का नाम उत्तरी भारत के भौगोलिक स्थान के कारण पड़ा, जो ब्रिटिश शासनकाल में ‘उत्तरांचल’ के नाम से भी जाना जाता था।
उत्तराखंड के भू-भाग में प्राचीन काल से ही विभिन्न संस्कृति और सभ्यताओं का विकास हुआ है। इस क्षेत्र में वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण, बुद्ध और जैन धर्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण स्थल हैं। अतीत में इस क्षेत्र को काशीपुरी और केदारनाथ जैसे तीर्थ स्थलों के रूप में जाना जाता था।
मध्यकालीन काल में उत्तराखंड का इतिहास राजपूत राजाओं, कुमाऊं और गर्वाल जनजातियों के विशाल राज्यों के विकास के साथ जुड़ा है। इस काल में उत्तराखंड का इतिहास रेखांकित करना कठिन है, क्योंकि यह क्षेत्र विभिन्न राज्यों और शासकों के अधीन आता रहा।
ब्रिटिश शासनकाल में उत्तराखंड ब्रिटिश भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा। इस समय पर्याप्त जल, जंगल और सामर्थ्यशाली मानव संसाधन के कारण ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यहां के लोगों ने आंदोलनों के माध्यम से स्वावलंबी बनने के लिए प्रयास किए। विभिन्न समय में उत्तराखंड के लोगों ने छोटे-छोटे विद्रोह और आंदोलन किए और अपने अधिकारों की रक्षा की।
भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1947 में, उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश का एक भाग बनाया गया। हालांकि, उत्तराखंड के विकास की दृष्टि से असंतुष्ट थे, क्योंकि इस क्षेत्र की विकास और प्रशासनिक रूप से संभालने की कठिनाइयां थीं।
उत्तराखंड में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन हुए, जिनमें चिपको आंदोलन, तहरीर आंदोलन, नाया भारत आंदोलन, और गढवाल-कुमाऊं आंदोलन शामिल हैं। ये आंदोलन उत्तराखंड के लोगों के समृद्धि और विकास के लिए लड़े गए।
अंततः, 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करके भारत सरकार ने इसे एक अलग राज्य के रूप में स्थापित किया। यह एक छोटे लेकिन विकासशील राज्य के रूप में विकसित हो रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है, जो राज्य की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण नगरी है।
उत्तराखंड के अलावा भारतीय और विदेशी पर्वतारोही, प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक और धार्मिक स्थल, और पर्वतीय जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर को देखते हुए यह राज्य पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है।
इस प्रकार, उत्तराखंड का इतिहास समृद्ध, विविध, और सम्पन्न है, जो इसे एक अनूठे राज्य के रूप में दर्शाता है। यह राज्य अपने सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है, और आज भारत के मुख्य पर्वतीय पर्यटन स्थलों में से एक है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों की सूची (CM List of Uttarakhand):
क्रमांक | मुख्यमंत्री | कार्यकाल | पार्टी |
---|---|---|---|
1 | नित्यानंद स्वामी | 9 नवंबर 2000 – 29 अक्टूबर 2001 | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
2 | भगत सिंह कोश्यारी | 30 अक्टूबर 2001 – 1 मार्च 2002 | भाजपा |
3 | एन.डी. तिवारी | 2 मार्च 2002 – 7 मार्च 2007 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) |
4 | बी.सी. खंडूरी | 8 मार्च 2007 – 23 जून 2009 | भाजपा |
5 | रमेश पोखरियाल निशंक | 24 जून 2009 – 10 सितंबर 2011 | भाजपा |
6 | बी.सी. खंडूरी | 11 सितंबर 2011 – 13 मार्च 2012 | भाजपा |
7 | विजय बहुगुणा | 13 मार्च 2012 – 31 जनवरी 2014 | कांग्रेस |
8 | हरिश रावत | 1 फरवरी 2014 – 27 मार्च 2016 | कांग्रेस |
9 | त्रिवेंद्र सिंह रावत | 18 मार्च 2017 – 10 मार्च 2021 | भाजपा |
10 | तीरथ सिंह रावत | 10 मार्च 2021 – 4 जुलाई 2021 | भाजपा |
11 | पुष्कर सिंह धामी | 4 जुलाई 2021 – वर्तमान | भाजपा |