नेत्र फ्लू -Eye Flu-conjunctivitis एक आम आंखों का संक्रमण है, जिसे आँख के अंदरी भाग में होने वाले वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। इस संक्रमण को कन्जनक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी होती है जो समुद्री जीवों से फैलती है और आम तौर पर बच्चों और प्रौढ़ों दोनों में पाई जाती है। इसे धूल, धूप, अन्य संक्रमणजन्य वस्तुएँ या आँखों को छूने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
नेत्र फ्लू (Eye Flu) -conjunctivitis के लक्षण
- आंखों में लाली या सुजन
- जलन और खुजली
- पानी आना और आंखों से पुष्पराग बहना
- आंखों का दर्द और असहजता महसूस करना
- पलकें जो सुजने के कारण नहीं खुलना
- लकवा या आंखों के आसपास गोलाई बनना
नेत्र फ्लू -Eye Flu-conjunctivitis के कारण:
- वायरल संक्रमण: अधिकतर मामूली सर्दियों में, ज्वर, फ्लू या सांस की बीमारियों के कारण वायरस आंखों में पहुंच सकते हैं और नेत्र फ्लू का कारण बन सकते हैं।
- बैक्टीरियल संक्रमण: बैक्टीरियल इंफेक्शन भी आंखों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
- बाह्य घाव: कभी-कभी चोट या खासकर आंख को छूने से भी बाह्य घाव लग जाता है, जिसके कारण आंखों में संक्रमण हो सकता है।
नेत्र फ्लू के उपचार:
- आराम: प्राथमिक उपचार में आराम और आँखों को धुलाने से बचना शामिल होता है।
- आंखों को धुलाएं: नेत्र फ्लू के मरीजों को नियमित रूप से गुनगुने पानी से अपनी आंखों को धोना चाहिए।
- आँखों के नीचे ठंडा पट्टी: सूजन को कम करने के लिए आंखों के नीचे ठंडा पट्टी रखने से लाभ होता है।
- आंखों के लिए दवा: डॉक्टर के परामर्शानुसार आंखों के लिए दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नेत्र फ्लू से बचाव:
- साफ-सुथरी आंखें रखें: बिना हाथ धोए आंखों को छूने से बचें और अपने हाथों को बार-बार साफ़ करें।
- व्हेल-बिंटी का इस्तेमाल: जब भी आपके पास वायरल फ्लू या कफी संक्रमित व्यक्ति के साथ समय बिताना हो, तो आपको व्हेल-बिंटी का इस्तेमाल करना चाहिए।
- हाथ धोना: अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोना नेत्र फ्लू और अन्य संक्रमणों से बचाव के लिए उपयुक्त होता है।
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